क्रिकेट स्पोर्ट्स बॉलीवुड जॉब - एजुकेशन बिजनेस लाइफस्टाइल देश विदेश राशिफल लाइफ - साइंस अन्य
---Advertisement---

Fatima Sana Shaikh ने साझा की बचपन की संघर्षभरी कहानी, कहा – ‘एक बाल कलाकार के रूप में दिन में 15 घंटे काम करना पड़ता था’

On: July 29, 2025 6:56 PM
Follow Us:
Fatima Sana Shaikh

Fatima Sana Shaikh ने हाल ही में अपने बचपन के संघर्ष को लेकर खुलासा किया है। एक बाल कलाकार के रूप में उन्हें दिन में 15 घंटे काम करना पड़ता था। जानिए उनकी पूरी कहानी।

Fatima Sana Shaikh का बचपन: संघर्ष, समर्पण और सफलता की कहानी

बॉलीवुड में आज एक सफल अभिनेत्री के रूप में पहचान बना चुकीं फातिमा सना शेख ने हाल ही में अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए एक ऐसा सच सामने रखा, जिसने हर किसी को सोचने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने बताया कि एक बाल कलाकार के रूप में उन्हें दिन में 15 घंटे तक काम करना पड़ता था, जो आज के समय में बच्चों के लिए कल्पना से परे है।

बाल कलाकार के रूप में करियर की शुरुआत

फातिमा सना शेख ने अपने करियर की शुरुआत बहुत ही कम उम्र में कर ली थी। उन्होंने 1997 में आई फिल्म ‘चाची 420’ में कमल हासन की बेटी का किरदार निभाया था। इसके बाद उन्होंने कई टेलीविज़न शोज़ और फिल्मों में बाल कलाकार के रूप में काम किया। लेकिन उस समय के अनुभव उनके लिए बेहद कठिन और थकाने वाले थे।

हाल ही में दिए गए एक इंटरव्यू में फातिमा ने बताया:

बचपन में एक्टिंग करना एक मज़ेदार अनुभव लग सकता है, लेकिन हकीकत यह है कि हमें दिन में 12 से 15 घंटे तक लगातार काम करना होता था। न छुट्टियाँ मिलती थीं और न ही आराम का वक्त। स्कूल और पढ़ाई के बीच संतुलन बनाना बहुत मुश्किल होता था।

Fatima Sana Shaikh

मानसिक और शारीरिक थकावट

उन्होंने आगे बताया कि इतनी छोटी उम्र में लंबे समय तक शूटिंग करना ना केवल शारीरिक रूप से थकाने वाला होता था, बल्कि मानसिक रूप से भी उन्हें कई बार परेशानियों का सामना करना पड़ता था। Fatima Sana Shaikh को कई बार ऐसा लगता था कि मैं अपने बचपन से कुछ चीज़ें मिस कर रही हूं। दूसरे बच्चे खेल रहे होते थे, छुट्टियों में घूमने जाते थे, लेकिन मैं सेट पर होती थी।”

माता-पिता का समर्थन

फातिमा ने अपने माता-पिता का धन्यवाद करते हुए कहा कि उनके बिना यह सब संभव नहीं हो पाता। उन्होंने हमेशा फातिमा को समझाया, सपोर्ट किया और यह सुनिश्चित किया कि काम के बीच उनकी पढ़ाई और मानसिक स्थिति पर भी ध्यान दिया जाए।

बाल कलाकारों के लिए नियमों की कमी

फातिमा ने इस बात पर भी चिंता जताई कि आज भी भारत में बाल कलाकारों के लिए स्पष्ट और कड़े नियमों की कमी है। कई बार प्रोडक्शन हाउस बच्चों से उनके उम्र से ज़्यादा की उम्मीदें करते हैं। उन्होंने अपील की कि सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए।

एक नई सोच की जरूरत

Fatima Sana Shaikh का मानना है कि फिल्म इंडस्ट्री में बाल कलाकारों को सिर्फ एक “परफॉर्मर” नहीं, बल्कि एक “बच्चा” समझने की ज़रूरत है। उन्हें भी खेलने, पढ़ने और आराम करने का अधिकार है।

हमारे देश में टैलेंट की कोई कमी नहीं है, लेकिन उसे सही दिशा और सम्मान देना ज़रूरी है। अगर हम बच्चों को उनके अधिकार नहीं देंगे, तो वे कब इंसान बन पाएंगे?

आज की फातिमा: मेहनत का फल

आज Fatima Sana Shaikhने खुद को एक प्रतिभाशाली और गंभीर अभिनेत्री के रूप में स्थापित किया है। उन्होंने दंगल में गीता फोगाट की भूमिका निभाकर पूरे देश का दिल जीत लिया था। उसके बाद से वह कई बेहतरीन फिल्मों का हिस्सा रही हैं।

Fatima Sana Shaikh की यह कहानी सिर्फ एक अभिनेत्री के संघर्ष की नहीं

बल्कि एक ऐसी सोच की है जो यह बताती है कि ग्लैमर की दुनिया के पीछे कई बार कठिनाई और बलिदान छिपे होते हैं।उनकी यह बात सभी के लिए एक सीख है कि सफलता आसान नहीं होती.

खासकर तब जब आप बचपन से ही उस रास्ते पर चल पड़ें। यह समय है कि हम बाल कलाकारों के अधिकारों और उनके मानसिक स्वास्थ्य को भी उतनी ही गंभीरता से लें जितनी हम किसी बड़े कलाकार की करते हैं।

Fatima Sana Shaikh

Q1: फातिमा सना शेख ने एक्टिंग की शुरुआत कब की थी?
A: उन्होंने 1997 में ‘चाची 420’ फिल्म से एक बाल कलाकार के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी।

Q2: क्या बाल कलाकारों को भी 15 घंटे काम करना पड़ता है?
A: फातिमा ने खुलासा किया कि उनके समय में ऐसा होता था, जो कि एक चिंता का विषय है।

Q3: आज फातिमा किन फिल्मों में काम कर चुकी हैं?
A: फातिमा ने ‘दंगल’, ‘लूडो’, ‘सूरज पे मंगल भारी’, और ‘थार’ जैसी फिल्मों में बेहतरीन प्रदर्शन किया है।

फातिमा सना शेख, बचपन का संघर्ष, बाल कलाकार, बॉलीवुड न्यूज, फिल्मी दुनिया, Fatima Sana Shaikh Childhood, Hindi News

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now